चन्दौली : जनपद के अलीनगर थाना अंतर्गत बिछड़ी और इंदिरा आवास क्षेत्र में अवैध रूप से संचालित हो रहे तेल कटिंग के कारोबार पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए लगभग 300 लीटर अवैध तेल बरामद किया ।
मिली जानकारी के अनुसार बहुत पहले से ही पुलिस को अवैध तेल कटिंग को लेकर सूचना मिल रही थी । जिसपर मुखबीर की सूचना पर डीडीयू क्षेत्राधिकारी राजीव सिसोदिया व अलीनगर थाना प्रभारी बिनोद मिश्रा ने अपनी टीम के साथ अलीनगर के
बिछड़ी और इंदिरा आवास क्षेत्र के एक पुराने संदिग्ध गोदाम पर छापेमारी की, दोनों जगहों से 150-150 लीटर अवैध तेल और उपकरण बरामद किए गए। पुलिस ने अपने कब्जे में लेकर पूर्ति विभाग को सुपुर्द कर दिया ।
बताते चले कि तेल और कोल के लिए विख्यात मुगलसराय में अवैध धंधा खूब फलफूल रहा है। अलीनगर में मौजूद एशिया के सबसे बड़े ऑयल डीपो से तेल की चोरी का खेल बदस्तूर जारी है। रोजाना लाखों रुपये के तेल की कालाबाजारी हो रही है। इसमें शामिल कितने आज करोड़पति बन बैठे हैं। ऐसा नहीं है कि यह गोरखधंधा किसी को मालूम नहीं है। हिस्सा तय होने से इसे कोई उजागर नहीं करता है। चाहे पुलिस विभाग हो या खुद ऑयल कंपनी के छोटे-बड़े ऑफिसर्स तेल माफियाओं के साथ इनके सिंडिकेट को तोड़ पाना आसान नहीं है।

डिपो से निकलते शुरू होता है खेल

ऑयल डिपो से यूपी सहित दूसरे राज्यों के लिए तेल की सप्लाई होती है। लगभग पांच से छह सौ टैंकर डेली तेल लेकर डिपो से निकलते हैं। इसके साथ ही तेल माफिया एक्टिव हो जाते हैं। उनके गुर्गे किसी सुनसान स्थान पर टैंकर को रोकर उसमें मौजूद तेल की चोरी करते हैं मिलावटी तेल टैंकर में डालकर उसे गंतव्य के लिए रवाना कर दिया जाता है। टैंकर ड्राइवर तय पेट्रोल पंप तक पहुंचते-पहुंचते हजारों बार ब्रेक का यूज करता है ताकि तेल में झाग बने और जब डीप राड से तेल की नपाई हो तो पूरा बताए।

राजनीति में भी है दखल

डीजल-पेट्रोल में मिलावट का खेल करके पांच से दस लाख रुपये एक दिन में कमाई हो रही है। अलीनगर एरिया में ऐसे लगभग दो दर्जन से अधिक तेल माफिया हैं जो कई दशक से इस खेल में शामिल है। इस खेल को रोकने के लिए आयल डीपो के कुछ अधिकारी काफी एक्टिव भी हुये थे लेकिन तेल माफियाओं की दबगंई औप राजनीति में अच्छी पकड़ के चलते कुछ नहीं हो सका। माफियाओं की ओर से पुलिस को एक बड़ी रकम हर माह दी जाती है।

सीबीआई भी हुई फेल

मुगलसराय के अलीनगर में इंडियन आयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम का आयल डीपो है। यहां पिछले तीन-चार दशक से तेल का खेल चल रहा है। कुछ वर्ष पहले नई दिल्ली और लखनऊ सीबीआई की टीम ने तीन तेल माफियाओं के ठिकानों पर छापेमारी करके मिलावटी डीजल से भरा टैंकर पकड़ा था। बावजूद तेल का धंधा आज भी वैसे ही जारी है।

रामनगर बन गया है हब

ऑयल डिपो से निकलने वाले हर टैंकर से तेल की चोरी होती है। अलीनगर से रामनगर-टेंगरा मोड़ तक दो दर्जन से अधिक तेल के अवैध गोदाम बने हुये हैं। ऑयल कम्पनीज ने तेल की चोरी रोकने के लिए टैंकर्स को जीपीएस से लैस कर दिया। यह भी कारगर नहीं हो पाया। ऑयल बॉक्स को सील किया जाता है। लेकिन तेल माफियाओं ने इसका भी काट खोल निकाला। सील लगा ताला खोलने के लिए तीसरी चाभी का इजाद कर लिया है। चाभी बनवाने के लिए एक लाख रुपये तक की खर्च आती है।

तेल में ‘गुड़पानी’ का रोल

टैंकर में असली की जगह मिलावटी तेल डालने का काम भी कम रहस्मयी नहीं है। केरोसिन से डीजल और साल्वेंट से मिलवाटी पेट्रोल बनाना जाता है। इन्हें तैयार करने में गुड़पानी का अहम रोल होता है। केरोसिन से डीजल बनाते समय गुड़ पानी मिलाने के साथ सिंदूर और कपूर मिलाते हैं। जबकि साल्वेंट से पेट्रोल बनाने में गुड़पानी और खास केमिकल का यूज करते हैं।

तेल का गोरखधंधा करने वालों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। पिछले कुछ सालों में छापेमारी करके अवैध धंधा को लगभग बंद कर दिया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *