गिरफ्तार व्यक्तियों के खिलाफ धारा-7, 7A, 8 PC Act के तहत मामला दर्ज
चन्दौली । डीडीयू मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय में सीबीआई द्वारा की गई छापेमारी से अधिकारियों में खलबली मची हुई है । चर्चाओं में यह भी व्याप्त है कि भ्रष्टाचार के इस खेल में कहीं अन्य रेल अधिकारी भी सीबीआई के रडार पर तो नही है । सूत्रों की माने तो अभी भी यूपी 32 की गाड़ियां नगर में देखी जा रही है जिससे लोग यह अंदेसा लगा रहे है कि कहीं सीबीआई की एक टीम अभी भी मुग़लसराय में तो नही है
अब देखना है कि सीबीआई द्वारा अभियुक्तों की पूछताछ के दौरान और कौन कौन से रेल अधिकारी का नाम उगलते है ।
CBI ने डीडीयू मंडल में मंगलवार को आयोजित होने वाली मुख्य लोको निरीक्षक की विभागीय परीक्षा के पेपर लीक मामले में देश की बड़ी कार्रवाई की है। जिसमें मंडल के दो वरीय अधिकारियों सहित कुल 23 रेल कर्मचारियों और एक सेवानिवृत रेल कर्मचारी को भी गिरफ्तार किया गया है। इसके बाद से रेल महकमें में हड़कंप मच गया है। जानकारी के अनुसार गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों के खिलाफ धारा-7, 7A, 8 PC Act के तहत मामला दर्ज किया गया है।
गिरफ्तार अधिकारियों और कर्मचारियों के नाम :
सुशांत पाराशर, Sr DEE (OP)/DDU
सुरजीत सिंह, Sr DPO/DDU
कन्हैया कुमार सिंह, लोको पायलट मेल, गया
जय प्रकाश सिंह, लोको पायलट पैसेंजर
सुमित कुमार, लोको पायलट गुड्स, गया
सूर्यनाथ, लोको पायलट पैसेंजर, डीडीयू
शिवनाथ कुमार, लोको पायलट पैसेंजर, डीडीयू
संतोष कुमार, लोको पायलट पैसेंजर, डीडीयू
मिथिलेश कुमार, लोको पायलट पैसेंजर, डीडीयू
मनोज कुमार पासवान, लोको पायलट मेल, गया
राज नारायण सिंह, LPG डीडीयू
रामायण, सेवा निवृत मुख्य लोको निरीक्षक डीडीयू
साधु शरण प्रसाद, LPM, गया
नागेंद्र कुमार वर्मा, LPM, गया
जितेंद्र कुमार, लोको पायलट पैसेंजर, गया
दिनेश कुमार राम, लोको पायलट गुड्स, डीडीयू
अजीत कुमार सिंह, मुख्य लोको निरीक्षक, डीडीयू
नीरज कुमार वर्मा, COS डीडीयू
प्रशांत किशोर सिंह, लोको पायलट पैसेंजर, डीडीयू
गौरव कुमार पाठक, लोको पायलट पैसेंजर, डीडीयू
बिनोद कुमार सिंह, लोको पायलट गुड्स, डीडीयू
दीपक प्रकाश ज्योति, लोको पायलट गुड्स, डीडीयू
आजाद कुमार, लोको पायलट पैसेंजर, गया
राकेश कुमार, लोको पायलट पैसेंजर, डीडीयू
अनीश कुमार, लोको पायलट सनटर, डीडीयू
संजय कुमार मिश्रा, COS कार्मिक, डीडीयू
सीबीआई की यह कार्रवाई रेलवे विभाग में भ्रष्टाचार और पेपर लीक से जुड़े मामलों में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। अधिकारियों और कर्मचारियों पर आरोप है कि उन्होंने विभागीय परीक्षा के पेपर को लीक करने में भूमिका निभाई थी। सीबीआई द्वारा मामले की जांच जारी है। वहीं सूत्रों की माने तो सीबीआई की जांच की जद में रेलवे के और भी अधिकारी आ सकते हैं। क्यों कि कयास यह लगाया जा रहा है कि पेपर लीक करने के लिए विभागीय सिंडिकेट की आवश्यकता होगी। ऐसे में सिर्फ मंडल नहीं बल्कि ज़ोन और रेलवे बोर्ड के कुछ अधिकारियों की मिले होने की आशंका है।